कुछ नज़र की कुछ नज़रिए की बात करते हैं
बेखौफ़ हो के कुछ हाशिए की बात करते हैं
मेरे नज़रिए से तुम्हें इत्तेफ़ाक़ हो या ना हो
मेरी तहरीर पे तुम्हे ऐतबार हो या ना हो
मेरी आवाज़ सुनो, नज़र का लिहाज़ करो
ज़बान से वार नही, हुमज़बान हो, बात करो...
बेखौफ़ हो के कुछ हाशिए की बात करते हैं
मेरे नज़रिए से तुम्हें इत्तेफ़ाक़ हो या ना हो
मेरी तहरीर पे तुम्हे ऐतबार हो या ना हो
मेरी आवाज़ सुनो, नज़र का लिहाज़ करो
ज़बान से वार नही, हुमज़बान हो, बात करो...
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